जब शहर की तेज़ रफ़्तार जिंदगी में प्यार, रिश्तों और सपनों की बात आती है, तो metro movie hindi यानी “लाइफ इन अ मेट्रो” का नाम सबसे पहले जुबान पर आता है। 2007 में रिलीज हुई यह फिल्म अनुराग बासु द्वारा निर्देशित एक ड्रामा फिल्म है जो मुंबई जैसे महानगर में रहने वाले लोगों की ज़िंदगी को बेहद संवेदनशीलता से पेश करती है। आइए जानते हैं इस कालजयी फिल्म के बारे में सब कुछ।
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Metro Movie Hindi की मूल जानकारी
| विवरण | जानकारी |
|---|---|
| फिल्म का नाम | Life in a… Metro (लाइफ इन अ मेट्रो) |
| रिलीज़ डेट | 11 मई 2007 |
| निर्देशक | अनुराग बासु |
| मुख्य कलाकार | धर्मेंद्र, शिल्पा शेट्टी, इरफान खान, कोंकणा सेन शर्मा |
| शैली | ड्रामा, रोमांटिक |
| अवधि | 132 मिनट (2 घंटे 12 मिनट) |
| भाषा | हिंदी |
| बजट | ₹9.5 करोड़ |
| कमाई | ₹24.5 करोड़+ |
कहानी: नौ जिंदगियां, एक शहर, अनगिनत जज़्बात
“लाइफ इन अ मेट्रो” मुंबई में रहने वाले नौ लोगों की कहानी बयान करती है और विषयों जैसे विवाहेतर संबंध, विवाह की पवित्रता, प्रतिबद्धता से डर, और प्यार को संबोधित करती है। यह फिल्म दिखाती है कि कैसे बड़े शहरों में लोग करीब होकर भी दूर हैं।
मुख्य किरदार और उनकी कहानियां:
1. राणा और शिखा (के के मेनन और शिल्पा शेट्टी) विवाहित जोड़ा जो अपनी नौ साल की शादी में उलझनों का सामना कर रहा है। राणा को अपनी ऑफिस की एक लड़की नेहा से प्यार हो जाता है, जबकि शिखा एक थिएटर आर्टिस्ट अकाश की ओर आकर्षित होती है।
2. राहुल और नेहा (शाइनी अहूजा और कंगना रनौत) राहुल एक कॉल सेंटर एग्जीक्यूटिव है जो अपनी बॉस नेहा से प्यार करता है। नेहा महत्वाकांक्षी है और अपने करियर के लिए कुछ भी कर सकती है।
3. मोंटी और श्रुति (इरफान खान और कोंकणा सेन शर्मा) मोंटी एक अजीबोगरीब ऑफिस वर्कर है जो मैट्रिमोनियल साइट्स पर लड़कियों से मिलता है। श्रुति एक 30 साल की कुंवारी लड़की है जो अपने सपनों के राजकुमार की तलाश में है।
4. अमोल और शिवानी (धर्मेंद्र और नफीसा अली) एक बुजुर्ग जोड़ा जो 30 साल बाद दोबारा मिलता है और अपने अधूरे प्यार को समझता है।
5. अकाश और शर्मन (शर्मन जोशी और कंगना रनौत) दो युवा महत्वाकांक्षी प्रोफेशनल्स जो सफलता पाने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं।
कहानी का अंत:
फिल्म का अंत तब आता है जब राहुल, जो शहर के साथ हुए बुरे व्यवहार से परेशान है, मुंबई को ट्रेन से छोड़ने का फैसला करता है। हर किरदार अपनी जिंदगी में एक मोड़ पर खड़ा होता है।

कलाकारों का शानदार प्रदर्शन
इरफान खान – मोंटी के रूप में
इरफान खान ने मोंटी के किरदार में अपनी कॉमिक टाइमिंग और गहरी भावनाओं का शानदार मिश्रण दिखाया। उनका किरदार फिल्म की जान था – एक ऐसा इंसान जो बाहर से अजीब लगता है लेकिन दिल का बहुत साफ है।
सभी कलाकारों की ensemble cast
| कलाकार | किरदार | विशेषता |
|---|---|---|
| धर्मेंद्र | अमोल | अनुभवी अभिनय, भावुक किरदार |
| शिल्पा शेट्टी | शिखा | करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन |
| के के मेनन | राणा | कॉम्प्लेक्स पति का किरदार |
| इरफान खान | मोंटी | कॉमेडी और भावना का मिश्रण |
| कोंकणा सेन शर्मा | श्रुति | स्वाभाविक अभिनय |
| शाइनी अहूजा | राहुल | रोमांटिक और भावुक |
| कंगना रनौत | नेहा/शर्मन | डबल रोल में प्रभावशाली |
| शर्मन जोशी | अकाश | महत्वाकांक्षी युवा |
फिल्म की खास बातें
1. रियलिस्टिक कहानी
यह फिल्म बड़े शहरों की वास्तविकता को दिखाती है। कोई बनावटी नाटक नहीं, बस सच्ची जिंदगी की झलक।
2. संगीत का जादू – प्रीतम की धुनें
फिल्म का संगीत प्रीतम द्वारा रचा गया था और गीत सईद कादरी, अमिताभ वर्मा और संदीप श्रीवास्तव ने लिखे। गाने आज भी दिल को छू जाते हैं:
- “इन दिनो” – प्यार की शुरुआत का गीत
- “अलविदा” – दर्द भरा विदाई गीत (प्रीतम ने 1990s में बनाया था)
- “बारे बारे” – रोमांटिक नंबर
- “तू भी है वहीं” – भावुक गीत
- “कहीं तो” – उम्मीद का गीत
3. मेट्रो बैंड का अनोखा कॉन्सेप्ट
प्रीतम ने सुहैल कौल और बांग्लादेशी गायक फहरुक महफूज़ अनाम (जेम्स) के साथ मिलकर मेट्रो बैंड बनाया जिसने फिल्म के गाने परफॉर्म किए। फिल्म के कुछ दृश्यों में बैंड स्क्रीन पर दिखाई देता है जो गाने गाता है।
4. विलियम वाइल्डर से प्रेरणा
फिल्म आंशिक रूप से बिली वाइल्डर की रोमांटिक कॉमेडी फिल्म “द अपार्टमेंट” (1960) से प्रेरित थी।
समीक्षकों और दर्शकों की राय
समीक्षकों ने कहा:
- “मेट्रोपॉलिटन जीवन की असंवेदनशीलता पर एक रोचक नज़र” – Subhash K. Jha
- “व्यावहारिक और भावनात्मक पक्षों के बीच संघर्ष को सफलतापूर्वक दिखाया”
- “नया कॉन्सेप्ट, मजबूत कहानी और शानदार अभिनय”
दर्शकों को पसंद आया:
- शिल्पा का अभिनय उनकी सभी फिल्मों में सर्वश्रेष्ठ है। कोंकणा, कंगना, इरफान, शाइनी, के के और शर्मन सभी ने शानदार अभिनय किया
- रियलिस्टिक प्रस्तुति
- संगीत परिवेश के साथ खूबसूरती से मेल खाता है
- बिना गाने-नृत्य के आधुनिक शहरी जीवन
बॉक्स ऑफिस की सफलता
₹9.5 करोड़ के बजट पर बनी “लाइफ इन अ मेट्रो” 11 मई 2007 को रिलीज हुई और बॉक्स ऑफिस पर आश्चर्यजनक व्यावसायिक सफलता रही, दुनियाभर में ₹24.5 करोड़ से अधिक की कमाई की।
बॉक्स ऑफिस आंकड़े:
- भारत में: ₹15+ करोड़
- विदेशों में: ₹9+ करोड़
- कुल कलेक्शन: ₹24.5+ करोड़
- 2007 की हिट फिल्म
साउंडट्रैक की सफलता
भारतीय ट्रेड वेबसाइट बॉक्स ऑफिस इंडिया के अनुसार, लगभग 11 लाख यूनिट्स की बिक्री के साथ, यह साउंडट्रैक एल्बम साल की बारहवीं सबसे ज्यादा बिकने वाली थी।
पुरस्कार और सम्मान
फिल्म को रिलीज होने पर व्यापक आलोचनात्मक प्रशंसा मिली, इसके नए कॉन्सेप्ट, कहानी, पटकथा, संवाद, साउंडट्रैक और ensemble cast के प्रदर्शन के लिए उच्च प्रशंसा मिली।
प्रमुख पुरस्कार:
- Filmfare नामांकन – सर्वश्रेष्ठ फिल्म
- IIFA नामांकन – सर्वश्रेष्ठ संगीत
- Zee Cine Awards – सर्वश्रेष्ठ ensemble cast
Metro Movie की विरासत और सीक्वल
2025 में आया सीक्वल: Metro… In Dino
सीक्वल का शीर्षक “Metro… In Dino” 2022 में घोषित किया गया था और बासु और प्रीतम निर्देशक और संगीत संगीतकार के रूप में वापस आए। 2025 में रिलीज हुए सीक्वल में अनुपम खेर, नीना गुप्ता, कोंकणा सेन शर्मा, पंकज त्रिपाठी, आदित्य रॉय कपूर, सारा अली खान, अली फजल और फातिमा साना शेख मुख्य भूमिकाओं में थे।
Metro… In Dino की विशेषताएं:
- कोंकणा सेन शर्मा “Life in a… Metro” (2007) से लौटने वाली एकमात्र अभिनेत्री थीं
- आधुनिक शहरी रिश्तों की खोज
- प्रीतम का संगीत, जो ‘Ludo’ (2020) के बाद बासु के साथ पुनर्मिलन को चिह्नित करता है

क्यों आज भी प्रासंगिक है Metro Movie?
शहरी जीवन की सच्चाई
आज भी मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु जैसे शहरों में रहने वाले लोग इस फिल्म के किरदारों से जुड़ सकते हैं। समय की कमी, रिश्तों में दूरी, और सपनों की भागदौड़ – यह सब आज भी उतना ही सच है।
रिश्तों की जटिलता
फिल्म दिखाती है कि प्यार और विश्वासघात कैसे साथ-साथ चलते हैं। यह विवाह की पवित्रता और विवाहेतर संबंधों की वास्तविकता दोनों को छूती है।
मानवीय भावनाओं का चित्रण
हर किरदार में हम खुद को या अपने आस-पास के लोगों को देख सकते हैं। यह फिल्म की सबसे बड़ी ताकत है।
Metro Movie Hindi देखने के तरीके
OTT प्लेटफॉर्म:
- Netflix पर उपलब्ध है
- Amazon Prime Video
- DVD/Blu-ray
किसे देखनी चाहिए:
- शहरी जीवन पर गंभीर फिल्में पसंद करने वाले
- इरफान खान के फैंस
- रियलिस्टिक कहानियों के शौकीन
- अच्छे संगीत के प्रेमी
निष्कर्ष
Metro movie hindi यानी “लाइफ इन अ मेट्रो” सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि शहरी भारत की एक सच्ची तस्वीर है। अनुराग बासु ने बिना किसी बनावट के, बिना किसी नाटकीयता के, सिर्फ सच्चाई दिखाई।
यह फिल्म हमें याद दिलाती है कि तेज़ रफ़्तार ज़िंदगी में रिश्ते कैसे खो जाते हैं और कैसे हम सब अकेलेपन का सामना करते हैं। यह हंसाती भी है और रुलाती भी है, बिल्कुल जिंदगी की तरह।
अगर आपने अभी तक यह फिल्म नहीं देखी, तो आज ही देखिए। यह एक ऐसा अनुभव है जो आपको सोचने पर मजबूर कर देगा – “क्या मैं भी मेट्रो की इस भागदौड़ में कुछ खो रहा हूं?”
रेटिंग: 4/5 ⭐⭐⭐⭐
“शहर की रोशनी में हर कोई चमकना चाहता है, लेकिन अंधेरे में कोई अकेला नहीं रहना चाहता।”

