स्टारलिंक इंडिया लॉन्च: 2026 के लिए मूल्य निर्धारण और समयरेखा विवरण

एलन मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट सेवा स्टारलिंक, IN-SPACe से परिचालन अनुमोदन प्राप्त करने के बाद, 2026 की शुरुआत में भारत में लॉन्च होने वाली है। यह सेवा ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी का वादा करती है जहाँ पारंपरिक ब्रॉडबैंड बुनियादी ढाँचा अनुपलब्ध या अविश्वसनीय है।

स्टारलिंक इंडिया
लागत घटकमूल्य सीमाविवरण
हार्डवेयर किट (एक बार)₹30,000–₹33,000सैटेलाइट डिश, वाई-फाई राउटर, केबल, बिजली आपूर्ति, माउंटिंग उपकरण
मासिक सदस्यता₹3,000–₹4,200असीमित डेटा योजनाएं
प्रचार योजनाएँ₹840–₹900शुरुआती उपयोगकर्ताओं के लिए प्रवेश-स्तरीय प्रचारात्मक मूल्य निर्धारण
अपेक्षित गति25–220 एमबीपीएसस्थान और उपग्रह कवरेज के अनुसार भिन्न होता है
लॉन्च समयरेखा2026 की पहली तिमाही2026 की शुरुआत में व्यावसायिक रोलआउट की उम्मीद
प्रारंभिक उपयोगकर्ता सीमा2 मिलियन कनेक्शनदूरसंचार ऑपरेटरों की सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा लगाई गई सीमा
मुफ्त परीक्षण1 महीनालॉन्च के समय निःशुल्क परीक्षण अवधि (पुष्टि के अधीन)

हार्डवेयर पैकेज में सैटेलाइट डिश, वाई-फाई राउटर, माउंटिंग उपकरण, केबल और बिजली आपूर्ति शामिल है, जिसे प्लग-एंड-प्ले सेटअप के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसके लिए केवल आकाश का स्पष्ट दृश्य आवश्यक है। यह इसे भारत के उन विशाल, वंचित क्षेत्रों के लिए आदर्श बनाता है जहाँ फाइबर या केबल बुनियादी ढाँचे का अभाव है।

 

लॉन्च के समय, ग्राहकों को एक महीने का निःशुल्क परीक्षण मिल सकता है, जिससे उपयोगकर्ता आगे की सदस्यता लेने से पहले अपनी क्षमताओं का परीक्षण कर सकेंगे। यह मूल्य निर्धारण भारत को वैश्विक स्तर पर स्टारलिंक के सबसे किफायती बाजारों में से एक बनाता है, जो बांग्लादेश (₹4,200/माह) और नाइजीरिया (₹35/माह) से काफी कम है।

नियामक प्रगति और साझेदारियां

स्टारलिंक ने जून 2025 में दूरसंचार विभाग से अपना GMPCS लाइसेंस प्राप्त कर लिया, जिसके बाद IN-SPACe से परिचालन अनुमोदन प्राप्त हुआ। कंपनी एयरटेल और रिलायंस जियो के साथ वितरण साझेदारी की संभावना तलाश रही है, ताकि तेज़ रोलआउट और आसान ग्राहक पहुँच के लिए उनके व्यापक ग्रामीण नेटवर्क का लाभ उठाया जा सके।

सरकार ने शुरुआत में स्टारलिंक कनेक्शनों को 20 लाख (2 मिलियन) तक सीमित कर दिया है, ताकि मौजूदा दूरसंचार बुनियादी ढांचे को बाधित होने से बचाने के लिए नियंत्रित रोलआउट सुनिश्चित किया जा सके। वाणिज्यिक लॉन्च से पहले अंतिम स्पेक्ट्रम आवंटन अंतिम नियामक बाधा बनी हुई है।

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पूछे जाने वाले प्रश्न

स्टारलिंक भारत में आधिकारिक तौर पर कब लॉन्च होगा?

2026 की शुरुआत में, विशेष रूप से 2026 की पहली तिमाही में, दूरसंचार विभाग से अंतिम स्पेक्ट्रम आवंटन अनुमोदन लंबित है।

क्या स्टारलिंक भारत में फाइबर ब्रॉडबैंड से सस्ता है?

नहीं, स्टारलिंक की लागत शहरी फाइबर (₹500-₹1,500/माह) से अधिक है, लेकिन यह ग्रामीण क्षेत्रों को लक्षित करता है जहां पारंपरिक ब्रॉडबैंड उपलब्ध नहीं है।

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