सिज़लिंग श्रीलीला बोल्ड मूव
उभरती हुई स्टार श्रीलीला बहुप्रतीक्षित पीरियड ड्रामा ‘पराशक्ति’ के साथ कॉलीवुड में अपनी शानदार शुरुआत करने के लिए तैयार हैं, जिसका निर्देशन प्रशंसित फिल्म निर्माता सुधा कोंगरा ने किया है। यह रणनीतिक करियर कदम अभिनेत्री के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव है, जिन्होंने पहले ही महेश बाबू के साथ ‘गुंटूर करम’ जैसी हाई-प्रोफाइल परियोजनाओं के माध्यम से तेलुगु सिनेमा में अपनी उल्लेखनीय उपस्थिति स्थापित कर ली है।
तमिल सिनेमा में एक रणनीतिक शुरुआत
शिवकार्तिकेयन के साथ ‘पराशक्ति’ में श्रीलीला की तमिल डेब्यू एक सावधानीपूर्वक सोची-समझी करियर चाल है। यह फिल्म, जो मुख्य अभिनेता के रूप में शिवकार्तिकेयन की 25वीं फिल्म है, उन्हें पुराने मद्रास में एक रेट्रो-थीम वाली कहानी में पेश करती है। एक महत्वपूर्ण भूमिका की प्रतीक्षा करने के पक्ष में विजय की ‘GOAT’ में एक विशेष गीत में उपस्थिति को अस्वीकार करने का उनका निर्णय तमिल सिनेमा में खुद को एक गंभीर अभिनेता के रूप में स्थापित करने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। छात्र राजनीति के विषयों को तलाशने वाली इस पीरियड ड्रामा में अथर्व और रवि मोहन जैसे कलाकारों की टुकड़ी है।
श्रीलीला यात्रा: जीत और चुनौतियां
श्रीलीला का करियर ‘धमाका’ से अच्छी तरह शुरू हुआ, लेकिन तेलुगु सिनेमा में उनकी बाद की परियोजनाओं को मिश्रित सफलता मिली। ‘गुंटूर करम’ जैसी हाई-प्रोफाइल फ़िल्म हासिल करने के बावजूद, व्यावसायिक सफलता जो गारंटीड लग रही थी, वह मायावी साबित हुई। उद्योग के पर्यवेक्षकों का कहना है कि तमिल सिनेमा में उनका यह बदलाव उनके करियर के एक महत्वपूर्ण मोड़ पर आया है, जो संभावित रूप से एक नई शुरुआत और एक कलाकार के रूप में अपनी बहुमुखी प्रतिभा को दिखाने के नए अवसर प्रदान करता है।
कॉलीवुड में नई राह बनाना
‘पराशक्ति’ श्रीलीला के लिए एक और फिल्म से कहीं बढ़कर है – यह एक ऐसे उद्योग में खुद को स्थापित करने का मौका है जो अपने समझदार दर्शकों के लिए जाना जाता है। ‘आकाशम नी हड्डू रा’ और ‘गुरु’ जैसी समीक्षकों द्वारा प्रशंसित फिल्मों के लिए जानी जाने वाली सुधा कोंगरा के निर्देशन में, श्रीलीला को एक प्रदर्शन-उन्मुख भूमिका में अपनी योग्यता साबित करने का अवसर मिला है। फिल्म की ऐतिहासिक सेटिंग और राजनीतिक विषयवस्तु उन्हें एक अभिनेत्री के रूप में अपनी सीमा को प्रदर्शित करने के लिए एकदम सही मंच प्रदान करती है, जिसके लिए वह जानी जाती हैं।
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पूछे जाने वाले प्रश्न
श्रीलीला ने अपनी तमिल शुरुआत के लिए ‘पराशक्ति’ को क्यों चुना?
श्रीलीला ने विशेष रूप से ‘पराशक्ति’ को इसकी मजबूत कथा, प्रशंसित निर्देशक सुधा कोंगरा के साथ काम करने का अवसर और बड़ी प्रस्तुतियों में छोटी भूमिकाएं स्वीकार करने के बजाय एक ऐतिहासिक नाटक में एक महत्वपूर्ण चरित्र को चित्रित करने के अवसर के लिए चुना।
इस तमिल डेब्यू का श्रीलीला के करियर पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
‘पराशक्ति’ की सफलता से तमिल सिनेमा में उनके लिए नए अवसर खुल सकते हैं, जिससे उन्हें दक्षिण भारतीय सिनेमा में व्यापक मंच मिल सकता है, हालांकि ऐतिहासिक रूप से, तेलुगु अभिनेत्रियों को तमिल सिनेमा में अग्रणी स्टार के रूप में खुद को स्थापित करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ा है।