सोने चांदी भाव की जानकारी हर भारतीय के लिए महत्वपूर्ण है। चाहे आप शादी के लिए आभूषण खरीद रहे हों या भविष्य के लिए निवेश की योजना बना रहे हों, सोने और चांदी के भाव को समझना जरूरी है। इस लेख में हम आपको Gold चांदी भाव से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी देंगे।
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सोने चांदी भाव कैसे तय होता है?
सोने चांदी भाव कई तत्वों पर निर्भर करता है। भारतीय बाजार में ये कीमतें अंतरराष्ट्रीय बुलियन मार्केट से जुड़ी होती हैं। लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन (LBMA) और न्यूयॉर्क के कमोडिटी एक्सचेंज जैसे वैश्विक बाजारों में होने वाले उतार-चढ़ाव का सीधा असर यहां पड़ता है।
देश में सोने चांदी भाव इंडियन बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) द्वारा भी प्रभावित होते हैं। स्थानीय ज्वैलर्स इन्हीं संगठनों के दिशानिर्देशों के अनुसार अपने रेट तय करते हैं।
विभिन्न शुद्धता के अनुसार Gold चांदी भाव
24 कैरेट सोना: यह सबसे शुद्ध रूप है जिसमें 99.9% सोना होता है। निवेश के लिए यह सबसे उपयुक्त माना जाता है। सिक्के और गोल्ड बार इसी श्रेणी में आते हैं।
22 कैरेट सोना: आभूषण निर्माण में इसका सबसे ज्यादा उपयोग होता है। इसमें 91.6% सोना और बाकी तांबा या चांदी जैसी धातुएं मिली होती हैं जो इसे मजबूती देती हैं।
18 कैरेट सोना: हल्के आभूषणों के लिए उपयोग होता है और 22 कैरेट से सस्ता होता है।
चांदी की शुद्धता: चांदी आमतौर पर 99.9% शुद्धता में मिलती है। कुछ आभूषणों में 92.5% शुद्धता वाली स्टर्लिंग सिल्वर का उपयोग होता है।
सोने चांदी भाव को प्रभावित करने वाले कारक
डॉलर की दर: रुपये के मुकाबले डॉलर की मजबूती या कमजोरी सीधे प्रभाव डालती है। डॉलर मजबूत होने पर Gold चांदी भाव बढ़ते हैं।
सरकारी नीतियां: आयात शुल्क, GST और अन्य सरकारी नियमों में बदलाव से कीमतें प्रभावित होती हैं। वर्तमान में सोने पर 3% GST लगता है।
मांग का मौसम: भारत में त्योहारों के दौरान सोने चांदी भाव में उछाल आ जाता है। धनतेरस, दिवाली, अक्षय तृतीया और शादी के सीजन में खरीदारी चरम पर होती है।
वैश्विक संकट: युद्ध, महामारी या आर्थिक मंदी के समय लोग सुरक्षित निवेश के रूप में सोना-चांदी खरीदते हैं, जिससे कीमतें बढ़ती हैं।
आज के बाजार में सोना और चांदी के दाम लगातार बदल रहे हैं। सोना प्रमुख निवेश विकल्प है क्योंकि यह मुद्रास्फीति से सुरक्षित रहता है जबकि चांदी औद्योगिक उपयोग के साथ निवेश का अच्छा साधन है। सोने का वैश्विक मूल्य, घरेलू मांग, मुद्रा के उतार-चढ़ाव और सरकारी नीतियां इसके दामों को प्रभावित करती हैं। चांदी भी इसके साथ मेल खाते हुए और विद्युत, इलेक्ट्रॉनिक्स में बढ़ती मांग के कारण कीमतों में उतार-चढ़ाव दिखाती है।
सोना और चांदी निवेश की महत्वपूर्ण बातें
- सोने के दाम प्रति ग्राम और प्रति तोला के अनुसार अलग-अलग शहरों में बदलते रहते हैं; दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई जैसे प्रमुख बाजारों के रेट्स नियमित जांचें।
- चांदी के दाम आमतौर पर सोने से कम होते हैं लेकिन उच्च तरलता और औद्योगिक मांग के कारण इसे लंबी अवधि निवेश में रखा जाता है।
- निवेश के लिए बार, सिक्के, ज्वैलरी, और ईटीएफ (Exchange Traded Funds) जैसे विकल्प उपलब्ध हैं।
- सोने में निवेश सुरक्षा और स्थिरता प्रदान करता है, जबकि चांदी अधिक अस्थिर लेकिन लाभकारी हो सकती है।
- वर्तमान में डिजिटल प्लेटफॉर्म और गोल्ड एसआईपी (Systematic Investment Plan) जैसे आसान विकल्प भी निवेशकों को आकर्षित कर रहे हैं।
बाजार के ताजा रेट (नवंबर 2025 के अनुसार)
| धातु | रेट (प्रति ग्राम) | रेट (प्रति तोला) |
|---|---|---|
| सोना | ₹5,300 | ₹49,000 |
| चांदी | ₹65 | ₹2,000 |
शहरवार सोने चांदी भाव में अंतर

दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु जैसे शहरों में सोने चांदी भाव थोड़े अलग होते हैं। इसके मुख्य कारण हैं:
- स्थानीय कर और शुल्क
- परिवहन लागत
- स्थानीय मांग-आपूर्ति
- ज्वैलर्स का मार्जिन
निवेश के विकल्प
फिजिकल गोल्ड: सिक्के, बार और आभूषण खरीद सकते हैं।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड: सरकार द्वारा जारी ये बॉन्ड सुरक्षित विकल्प हैं जो ब्याज भी देते हैं।
गोल्ड ईटीएफ: शेयर बाजार में ट्रेड होने वाले ये फंड फिजिकल गोल्ड की चिंता से मुक्त करते हैं।
डिजिटल गोल्ड: ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर 1 रुपये से भी निवेश शुरू कर सकते हैं।
सुरक्षित खरीदारी के टिप्स
सोने चांदी भाव चेक करने के बाद खरीदारी करते समय हमेशा BIS हॉलमार्क वाला सोना ही खरीदें। यह शुद्धता की गारंटी है। विश्वसनीय ज्वैलर से खरीदें और पूरा बिल जरूर लें। वजन, शुद्धता, मेकिंग चार्जेज सब लिखित में लें।
निष्कर्ष
सोने चांदी भाव को समझना और नियमित रूप से ट्रैक करना स्मार्ट फाइनेंशियल प्लानिंग का हिस्सा है। चाहे खरीदारी हो या निवेश, सही जानकारी और सही समय आपको बेहतर रिटर्न दिला सकता है।

