शाहिद अफरीदी पाकिस्तान क्रिकेट के सबसे लोकप्रिय और विस्फोटक खिलाड़ियों में से एक हैं। “बूम बूम अफरीदी” के नाम से मशहूर इस ऑलराउंडर ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कई यादगार पल दिए। उनकी आक्रामक बल्लेबाजी और लेग स्पिन गेंदबाजी ने उन्हें विश्व क्रिकेट में खास पहचान दिलाई। आइए जानते हैं शाहिद अफरीदी के क्रिकेट सफर और उनकी उपलब्धियों के बारे में।
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शाहिद अफरीदी का प्रारंभिक जीवन और करियर
शाहिद अफरीदी का जन्म 1 मार्च 1980 को पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में हुआ। 16 साल की उम्र में 1996 में अफरीदी ने केन्या के खिलाफ अपना पहला वनडे खेला और 37 गेंदों में शतक लगाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया। यह रिकॉर्ड लगभग 17 साल तक बना रहा।
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) की रैंकिंग में अफरीदी कई बार शीर्ष गेंदबाजों में शामिल रहे। उनकी आक्रामक खेल शैली ने उन्हें दुनिया भर में प्रशंसक दिलाए।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उपलब्धियां
शाहिद अफरीदी ने 398 वनडे मैचों में 8064 रन बनाए और 395 विकेट लिए। टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 27 मैच खेले और 48 विकेट लिए। टी20 अंतरराष्ट्रीय में अफरीदी पाकिस्तान के सबसे सफल गेंदबाज रहे, 99 मैचों में 98 विकेट उनके नाम हैं।
2009 में अफरीदी पाकिस्तान टीम के कप्तान बने। उनकी कप्तानी में पाकिस्तान ने 2009 टी20 विश्व कप का फाइनल खेला और 2011 एशिया कप जीता। भारतीय क्रिकेट टीम बनाम ऑस्ट्रेलिया राष्ट्रीय क्रिकेट टीम टाइमलाइन की तरह, भारत-पाकिस्तान मुकाबलों में अफरीदी का प्रदर्शन हमेशा चर्चा का विषय रहा।
भारत के खिलाफ प्रदर्शन
शाहिद अफरीदी ने भारत के खिलाफ कई यादगार पारियां खेलीं। उन्होंने भारत के खिलाफ 29 वनडे मैचों में 28 विकेट लिए। 2005 में कानपुर टेस्ट में उन्होंने 4 गेंदों में 4 विकेट लेकर इतिहास रच दिया।
हालांकि, अफरीदी के कुछ विवादास्पद बयान भी रहे। भारत सरकार और क्रिकेट प्रेमियों ने कई बार उनकी टिप्पणियों की आलोचना की। फिर भी, भारत में उनके कई प्रशंसक हैं जो उनकी खेल प्रतिभा की सराहना करते हैं।
टी20 लीग में अफरीदी का योगदान
अफरीदी ने आईपीएल, बिग बैश लीग, पाकिस्तान सुपर लीग और कैरेबियन प्रीमियर लीग जैसे टूर्नामेंट में खेला। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) द्वारा आयोजित आईपीएल में उन्होंने डेक्कन चार्जर्स के लिए खेला।
Delhi vs Madhya Pradesh जैसे घरेलू मुकाबलों की तरह, टी20 लीग में भी अफरीदी की उपस्थिति मैच को रोमांचक बना देती थी। उनकी छक्कों की बौछार दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देती थी।
गेंदबाजी कौशल और रिकॉर्ड
शाहिद अफरीदी की लेग स्पिन गेंदबाजी उनकी पहचान थी। तेज गति से फेंकी गई उनकी गेंदें बल्लेबाजों को परेशान करती थीं। वनडे क्रिकेट में 395 विकेट के साथ वे पाकिस्तान के सबसे सफल गेंदबाजों में शामिल हैं।
अफरीदी ने 32 बार पांच विकेट हॉल बनाया। युवा मामले और खेल मंत्रालय के अनुसार, युवा खिलाड़ियों के लिए अफरीदी जैसे खिलाड़ी प्रेरणा स्रोत हैं।
विवाद और आलोचनाएं
अफरीदी का करियर विवादों से भी भरा रहा। 2005 में पिच को जानबूझकर खराब करने के आरोप में उन्हें दो टेस्ट मैचों का बैन मिला। उनके राजनीतिक बयान भी विवादों में रहे।
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के साथ उनके तनावपूर्ण रिश्ते कई बार चर्चा में रहे। फिर भी, अफरीदी ने हमेशा अपनी बात स्पष्ट रूप से रखी।

सेवानिवृत्ति और उसके बाद का जीवन
2017 में शाहिद अफरीदी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया, लेकिन टी20 लीग में खेलते रहे। वे अब पाकिस्तान क्रिकेट में सलाहकार की भूमिका निभाते हैं।
शाहिद अफरीदी फाउंडेशन के माध्यम से वे सामाजिक कार्य कर रहे हैं। शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में उनका योगदान सराहनीय है।
लोकप्रियता और प्रभाव
अर्जुन तेंदुलकर जैसे युवा खिलाड़ियों के लिए अफरीदी जैसे खिलाड़ी प्रेरणा हैं। अफरीदी की आक्रामक खेल शैली ने पूरी पीढ़ी को प्रभावित किया।
सोशल मीडिया पर अफरीदी के लाखों फॉलोअर्स हैं। वे आज भी क्रिकेट प्रेमियों के बीच लोकप्रिय हैं।
निष्कर्ष
शाहिद अफरीदी विश्व क्रिकेट के सबसे मनोरंजक और प्रभावशाली खिलाड़ियों में से एक रहे हैं। उनकी आक्रामक बल्लेबाजी और धोखेबाज गेंदबाजी ने उन्हें अमर बना दिया। विवादों के बावजूद, अफरीदी का योगदान पाकिस्तान क्रिकेट के लिए अविस्मरणीय है। “बूम बूम” की विरासत आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। क्रिकेट इतिहास में शाहिद अफरीदी का नाम हमेशा स्वर्णाक्षरों में लिखा रहेगा।

