लड़ाकू विमान किसी भी देश की सैन्य शक्ति का महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। ये विमान आकाश में दुश्मन के खिलाफ रक्षा की पहली पंक्ति हैं और युद्ध के दौरान निर्णायक भूमिका निभाते हैं। भारतीय वायुसेना दुनिया की सबसे शक्तिशाली वायुसेनाओं में से एक है। आइए जानते हैं लड़ाकू विमानों के बारे में विस्तृत जानकारी और भारत की वायु शक्ति के बारे में।
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लड़ाकू विमान क्या होते हैं?
लड़ाकू विमान सैन्य विमान होते हैं जो हवाई युद्ध, जमीनी हमले और टोही मिशन के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं। ये विमान अत्याधुनिक हथियार प्रणाली, रडार तकनीक और उच्च गति से लैस होते हैं। रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अनुसार, आधुनिक लड़ाकू विमान बहुउद्देशीय होते हैं और विभिन्न प्रकार के मिशन संपन्न कर सकते हैं।
लड़ाकू विमानों को उनकी पीढ़ी के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है – तीसरी पीढ़ी, चौथी पीढ़ी, 4.5 पीढ़ी और पांचवीं पीढ़ी। पांचवीं पीढ़ी के विमान स्टील्थ तकनीक से लैस होते हैं जो उन्हें रडार से अदृश्य बनाती है।
भारतीय वायुसेना के प्रमुख लड़ाकू विमान
भारतीय वायुसेना (IAF) के पास विभिन्न प्रकार के लड़ाकू विमान हैं। राफेल, सुखोई Su-30MKI, मिग-29, मिराज 2000 और तेजस प्रमुख लड़ाकू विमान हैं।
राफेल: फ्रांस निर्मित राफेल विमान भारतीय वायुसेना में 2020 में शामिल हुए। ये 4.5 पीढ़ी के मल्टीरोल लड़ाकू विमान हैं जो अत्याधुनिक हथियार प्रणाली से लैस हैं। राफेल की मारक क्षमता और तकनीकी श्रेष्ठता ने भारत की वायु शक्ति को नई ऊंचाइयां दी हैं।
सुखोई Su-30MKI: रूस से खरीदे गए ये विमान भारतीय वायुसेना की रीढ़ हैं। इनकी लंबी दूरी की मारक क्षमता और शक्तिशाली रडार सिस्टम इन्हें विशेष बनाते हैं।
तेजस: स्वदेशी तेजस विमान भारत की आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने मिलकर इसे विकसित किया है। तेजस MK-1A का नया संस्करण और अधिक उन्नत है।
Fighter Aircraft की तकनीकी विशेषताएं
आधुनिक Fighter Aircraft उन्नत एवियोनिक्स, AESA रडार, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम और सटीक मिसाइल प्रणाली से लैस होते हैं। सुपरसोनिक गति, हवा में ईंधन भरने की क्षमता और ऑल-वेदर ऑपरेशनल क्षमता इन विमानों की प्रमुख विशेषताएं हैं।
स्टील्थ तकनीक पांचवीं पीढ़ी के विमानों की खासियत है। अमेरिका का F-35 और रूस का Su-57 इस श्रेणी के प्रमुख विमान हैं। भारत सरकार भी स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के Fighter Aircraft AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft) विकसित कर रही है।
भारत का Fighter Aircraft आधुनिकीकरण कार्यक्रम
भारतीय वायुसेना अपने बेड़े का आधुनिकीकरण कर रही है। पुराने मिग-21 विमानों को चरणबद्ध तरीके से सेवामुक्त किया जा रहा है। 114 नए मल्टीरोल Fighter Aircraft की खरीद की योजना है जो “मेक इन इंडिया” पहल के तहत होगी।
तेजस MK-2 और AMCA जैसे स्वदेशी कार्यक्रम भारत को Fighter Aircraft निर्माण में आत्मनिर्भर बनाएंगे। बैंक से जुड़ी खबरें भी रक्षा क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इन परियोजनाओं के लिए वित्तीय योजना जरूरी है।
Fighter Aircraft का युद्ध में उपयोग
1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध, कारगिल युद्ध और बालाकोट एयर स्ट्राइक में लड़ाकू विमानों ने निर्णायक भूमिका निभाई। 2019 में पुलवामा हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी।
आधुनिक युद्ध में वायु श्रेष्ठता अत्यंत महत्वपूर्ण है। Fighter Aircraft शत्रु के रडार, संचार प्रणाली और सैन्य प्रतिष्ठानों को नष्ट कर युद्ध की दिशा बदल सकते हैं।
दुनिया के शीर्ष लड़ाकू विमान
अमेरिका का F-22 Raptor और F-35 Lightning II, रूस का Su-57, चीन का J-20 और यूरोप का Eurofighter Typhoon दुनिया के शीर्ष Fighter Aircraft हैं। भारत की राफेल भी इसी श्रेणी में आती है।
निष्कर्ष
लड़ाकू विमान राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। भारतीय वायुसेना का आधुनिकीकरण और स्वदेशी विमान निर्माण कार्यक्रम देश की रक्षा क्षमता को मजबूत बना रहे हैं। तेजस और AMCA जैसे कार्यक्रम भारत को वैश्विक Fighter Aircraft निर्माताओं की श्रेणी में ला रहे हैं। आत्मनिर्भर भारत के तहत रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी तकनीक का विकास राष्ट्र के लिए गौरव की बात है।

