मक्खी अवतार से सूटकेस जेल तक
भारतीय टेलीविजन ने हमें भावनात्मक परिवारिक ड्रामों से लेकर यादगार प्रेम कहानियों तक अनगिनत यादगार पल दिए हैं। लेकिन कभी-कभी, हमारे पसंदीदा शो ऐसे अप्रत्याशित और अजीब मोड़ ले लेते हैं कि हम या तो सिर खुजाने लगते हैं या ज़ोर-ज़ोर से हंसने लगते हैं। तो आइए, एक नजर डालते हैं कुछ ऐसे ही सबसे विचित्र दृश्यों पर, जो अपनी अनोखी वजहों से पलों में इंटरनेट सेंसेशन बन गए!
मक्खी अवतार से लेकर सूटकेस प्रिज़न तक: टेलीविजन के ऐसे पल जिन्होंने दर्शकों को चौंका दिया
गोपी बहू का लैपटॉप क्लीनिंग मास्टरक्लास
साथ निभाना साथिया शो की भोली-भाली गोपी बहू (जिया मानेक द्वारा अभिनीत किरदार) को कौन भूल सकता है? अपनी मासूमियत में वह पति का लैपटॉप चमकाने का फैसला करती हैं। लेकिन ट्विस्ट यह है कि वह इसे साबुन और पानी से धोने लगती हैं और वह भी बहते हुए नल के नीचे! उनकी नीयत तो अच्छी थी, लेकिन इस अनोखे अंदाज ने तकनीक और तर्क दोनों पर सवाल खड़े कर दिए।
ए सूटकेस प्रिज़न
जब आपको लगता है कि आपने टेलीविजन पर सब कुछ देख लिया है, तभी भारतीय टीवी आपको चौंकाने के लिए तैयार रहता है! साझा सिंदूर शो के एक अप्रत्याशित सीन में सरोज अपनी खतरनाक साजिश को अंजाम देने के लिए फूलि को बेहोश कर एक सूटकेस में छिपा देती है। जी हां, सूटकेस में! यह चौकाने वाला मोड़ दर्शकों को हैरान कर गया और साबित कर दिया कि भारतीय टेलीविजन की कल्पनाशक्ति की कोई सीमा नहीं है।
स्कूटर पर पारो का चांद मिशन
क्या आपने कभी किसी नागिन को चांद पर किसी को बचाते हुए देखा है? नहीं? तो इश्क की दास्तान – नागमणि में पारो (एलिया घोष) ने ऐसा कर दिखाया। पारो ने एक स्कूटर उठाया और सीधे अंतरिक्ष में उड़ान भर दी, जहां वह अपने पति और बच्चे को एक सैटेलाइट में फंसे हुए बचाने पहुंच गई। यह दृश्य न केवल हास्यास्पद था, बल्कि यह सोचने पर मजबूर कर गया कि क्या नाग और स्कूटर वास्तव में अंतरिक्ष के लिए तैयार हैं!
सिमर का मक्खी अवतार
अगर आपको लगता है कि मक्खी में बदलने की कहानी केवल हॉलीवुड सुपरहीरो के लिए है, तो फिर से सोचें! ससुराल सिमर का के एक अजीबोगरीब प्लॉट में सिमर मक्खी (हां, असली मक्खी) में बदल जाती हैं। इसके बाद उनका ससुराल एक सुपरनैचुरल ड्रामे का अखाड़ा बन जाता है। इस सीन ने इंटरनेट पर मीम्स की बाढ़ ला दी, जो सिमर की स्पीड से भी तेज वायरल हुए
द बूमरैंग बुलेट
यह थी एक ऐसी गोद भराई जो आपको हमेशा याद रहेगी! ‘छठी मैया की बिटिया’ शो में उर्वशी, वैष्णवी पर हमला करने के लिए बंदूक लाती है। लेकिन नियति का खेल ऐसा चलता है कि गोली दीवार से टकराकर उर्वशी को ही लग जाती है। इस अप्रत्याशित मोड़ ने दर्शकों को चौंका दिया और यह साबित कर दिया कि भारतीय टीवी पर कोई भी उत्सव ड्रामा-मुक्त नहीं है।
ये दृश्य हमें याद दिलाते हैं कि भारतीय टेलीविजन अपने आप में एक अनोखी दुनिया है। भले ही ये कहानियां कल्पना की हर हद पार कर जाती हैं, लेकिन इन्होंने दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया है, मीम्स को जन्म दिया है और टीवी इतिहास में अपनी खास जगह बनाई है।