दक्षिण एशिया में राजनीति की जब बात होती है, तो बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का नाम सबसे पहले लिया जाता है। संघर्ष, नेतृत्व और जनता से जुड़ाव—शेख हसीना की कहानी विश्व राजनीति की मिसाल बन चुकी है। उनकी उपलब्धि है, दुनिया की सबसे लंबे समय तक कार्यरत महिला प्रधानमंत्री.
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जन्म, परिवार और पढ़ाई
- जन्म: 28 सितम्बर 1947, तुंगीपारा, पूर्वी बंगाल
- पिता: बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान (बंगबंधु), देश के पहले राष्ट्रपति.
- शिक्षा: प्रारंभिक शिक्षा तुंगीपारा, उच्च शिक्षा ढाका के ईडन कॉलेज व ढाका विश्वविद्यालय (बंगाली साहित्य).
- वैवाहिक जीवन: 1967 में एम.ए. वाजेद मियां से शादी.
परिवार में संघर्ष और भारत में शरण
1975 की वह काली रात जब शेख हसीना के पिता, मां और तीन भाइयों की हत्या बंगाल सेना के विद्रोह में कर दी गई, राजनीति में उनका सफर पीड़ादायक हो गया। हसीना अपनी छोटी बहन के साथ भारत भाग आईं और लगभग 6 साल दिल्ली में रहीं। इंदिरा गांधी ने उन्हें शरण दी, जिससे वह आज तक भारत से जुड़ाव महसूस करती हैं.
राजनीति में वापसी और उपलब्धियाँ
- 1981: बांग्लादेश लौटकर अवामी लीग पार्टी की अध्यक्ष बनीं।
- 1996: पहली बार प्रधानमंत्री बनीं।
- 2009-2024: लगातार चार बार (2009, 2014, 2018, 2024) बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं।
- नेतृत्व: लोकतंत्र, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, सड़क व डिजिटल कनेक्टिविटी जैसे क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव.
बांग्लादेश के इतिहास में 20 से अधिक वर्षों तक सेवा करने वाली प्रधानमंत्री और विश्व की सबसे लंबे समय तक कार्यरत महिला नेता रहीं.
विवाद, विपक्ष और मौजूदा स्थिति
2024 के चुनाव बाद हिंसक प्रदर्शन व सैन्य तख्तापलट के कारण हसीना को सत्ता छोड़नी पड़ी। उनके खिलाफ मानवता के विरुद्ध अपराध और गिरफ्तारी का वारंट तक जारी हुआ। भारत ने एक बार फिर उन्हें सुरक्षा दी, जहां उनकी मौजूदगी अभी गुप्त है। पर वे राजनीति और अपनी पार्टी पर नजर बनाए हुए हैं.
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FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
- शेख हसीना कौन हैं?
– बांग्लादेश की सबसे लंबे समय तक पद पर रहीं प्रधानमंत्री, लोकतंत्र की समर्थक और बंगबंधु की बेटी. - उनका राजनीतिक सफर कब शुरू हुआ?
– 1981 में अवामी लीग की अध्यक्ष बनीं, 1996 में पहली बार प्रधानमंत्री. - उनके परिवार की हत्या कब हुई?
– 15 अगस्त 1975 को सेना विद्रोह के वक्त. - वर्तमान में कहां हैं?
– भारत में शरणार्थी के रूप में—लोकेशन गुप्त.
इंटरनल लिंकिंग
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निष्कर्ष
शेख हसीना की यात्रा संघर्ष, नेतृत्व और महिलाओं के सशक्तिकरण की प्रेरणादायक मिसाल है। उनके जिंदगी के हर मोड़ पर राजनीति, समाज और मानवता को दिशा देने वाले पहलुओं की चर्चा होती रहेगी। इस लेख में SEO की हर जरूरत — कीवर्ड, FAQs, ऑफिशियल एक्सटर्नल-इंटरनल लिंकिंग, ताजी खबर व मानवीय संवेदनशीलता, बांग्लादेश की स्थायी सत्ता—दी गई है ताकि आपका ब्लॉग Google पर टॉप रैंक कर सके.

